शिलाजीत के फायदे - शिलाजीत का उपयोग कैसे करें

भारत औषधीय व जड़ी-बूटियों के मामलों में काफी धनी देश माना जाता है। खासतौर से, जब बात आयुर्वेदिक औषधियों की हो, तो भारत का नाम हमेशा ही लिया जाता है। यहां कई प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियां पाई जाती हैं। इन्हीं में से एक है शिलाजीत, जिसके बारे में शायद कुछ ही लोगों को पता हो। ऐसे में इस खास लेख में हम शिलाजीत के फायदे हिंदी में साझा कर रहे हैं।
यहां हम न सिर्फ शिलाजीत के फायदे की जानकारी देंगे, बल्कि शिलाजीत का उपयोग कैसे करें, इस बारे में भी बताएंगे। तो शिलाजीत खाने का तरीका व इसके लाभ को जानने के लिए लेख को पूरा जरूर पढ़ें। सबसे पहले जानते हैं कि शिलाजीत क्या है, तो लेख के इस भाग में हम इसी बारे में जानकारी दे रहे हैं।

शिलाजीत क्या है?
शिलाजीत एक प्रकार का चिपचिपा पदार्थ होता है, जो हिमालय की चट्टानों में पाया जाता है। सदियों से पौधों के धीमे अपघटन से शिलाजीत का निर्माण होता है। खासतौर से गर्मियों में जब पर्वत का तापमान गर्म होता है, तो चट्टानों के जो धातु अंशों का रिसाव होता है, उसे ही शिलाजीत कहते हैं। शिलाजीत को सलाजीत, शिलाजातु, मिमी या ममियो के नाम से भी जाना जाता है। शिलाजीत का प्रयोग आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। यह एक प्रभावी और सुरक्षित पूरक है जो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है (S1) (S2)।
शिलाजीत के फायदे इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण हैं। इसमें एंटी डायबिटिक, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग, दर्दनिवारक, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी अल्सर जैसे कई सारे गुण मौजूद हैं। लेख में आगे हम इसी बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं (S3)।
लेख के इस भाग में अब हम स्वास्थ्य के लिए शिलाजीत के फायदे के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी
शिलाजीत के फायदे
जैसे कि हमने लेख की शुरुआत में ही जानकारी दी है कि शिलाजीत में कई सारे ऐसे गुण हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बना सकते हैं। तो यहां शिलाजीत से लाभ से जुड़ी जानकारियां कुछ इस प्रकार हैं:
क्रॉनिक फैटिग सिंड्रोम
क्रॉनिक फैटिग सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को लंबे समय तक थकान की समस्या रहती है। खासतौर से, अगर व्यक्ति को 6 महीने या उससे अधिक समय तक थकान की परेशानी हो तो यह क्रॉनिक फैटिग सिंड्रोम हो सकता है (S4)। ऐसे में इस समस्या से बचाव या इसके लक्षणों को कम करने के लिए शिलाजीत का उपयोग लाभकारी हो सकता है।
दरअसल, सीएफएस माइटोकॉन्ड्रियल डिसफंक्शन से जुड़ा हुआ है। यह तब होता है जब आपकी कोशिकाएं पर्याप्त ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर पाती है। ऐसे में एनसीबीईआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, शिलाजीत का सेवन करने से थकान में कमी की बात सामने आई है। शोधकर्ताओं का मानना था कि यह शिलाजीत के माइटोकॉन्ड्रियल डिसफंक्शन को रोकने में मदद करने का परिणाम था (S5)।वहीं, शिलाजीत में फुलविक और ह्यूमिक एसिड होते हैं, जो क्रॉनिक फैटिग सिंड्रोम की समस्या पर प्रभावकारी हो सकते हैं (S6)।

लो टेस्टोस्टेरोन लेवल के लिए
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में प्रमुख सेक्स हार्मोन है और यह शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऐसे में पुरुषों में इसकी कमी होने से उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में टेस्टोस्टेरोन की कमी से बचाव या लो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए शिलाजीत का सेवन लाभकारी हो सकता है (S7)।
दरअसल, यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। इस बात की पुष्टि एक शोध से भी हुई है, जिसमें 45 से 55 वर्ष की आयु के पुरुषों को जब शिलाजीत का सेवन कराया गया तो उनमें अधिक टेस्टोस्टेरोन के स्तर होने की बात सामने आई है (S8)। इस आधार पर माना जा सकता है कि पुरुषों में शिलाजीत का प्रयोग उपयोगी हो सकता है।

एजिंग के लिए
बढ़ती उम्र के प्रभाव को धीमा करने में भी शिलाजीत उपयोगी हो सकता है। दरअसल, आयुर्वेद में शिलाजीत को कई वर्षों से एंटी एजिंग के तौर पर उपयोग किया जाता रहा है। यह न सिर्फ एजिंग के प्रभाव को कम कर सकता है, बल्कि शरीर को स्वस्थ रखकर लंबी उम्र का कारण भी बन सकता है (S9)।

इनफर्टिलिटी के लिए
ओलिगोस्पर्मिया यानी शुक्राणुओं की कमी के कारण होने वाले इनफर्टिलिटी में शिलाजीत का सेवन लाभकारी हो सकता है (S10)। दरअसल, इससे जुड़े शोध में यह पाया गया कि इनफर्टाइल पुरुषों ने जब 90 दिनों तक दिन में दो बार शिलाजीत का सेवन किया तो उनके शुक्राणुओं की संख्या व गतिशीलता में वृद्धि की बात सामने आई (S11)। ऐसे में इस आधार पर माना जा सकता है कि शिलाजीत से लाभ में इनफर्टिलिटी की समस्या से बचाव भी शामिल है।
आयरन की कमी से बचाव
शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया यानी खून की कमी का जोखिम बढ़ सकता है (S12)। ऐसे में इससे बचाव के लिए भी शिलाजीत का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, शिलाजीत में ह्यूमिक एसिड और आयरन मौजूद होता है, जो आयरन की कमी व एनीमिया के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है (S13)। ऐसे में शिलाजीत के फायदे में एनीमिया या आयरन की कमी से बचाव को शामिल किया जा सकता है।
ह्रदय स्वास्थ्य के लिए
स्वस्थ शरीर के लिए हृदय का स्वस्थ रहना भी आवश्यक है। ऐसे में ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए भी शिलाजीत का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटीह्यपरटेंसिव यानी ब्लड प्रेशर को कम करने का गुण मौजूद होता है (S14)। वहीं, असंतुलित ब्लड प्रेशर ह्रदय रोग का जोखिम कारक बन सकता है (S15)। ऐसे में माना जा सकता जा सकता है कि शिलाजीत ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर ह्रदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है।

शिलाजीत का उपयोग कैसे करें?
अब शिलाजीत के फायदे के बाद जाहिर सी बात है कि आप शिलाजीत को अपने जीवनशैली में शामिल करने के लिए शिलाजीत खाने का तरीका जानना चाह रहे होंगे। तो नीचे हम शिलाजीत खाने का तरीका विस्तारपूर्वक साझा कर रहे हैं:
- बाजार में व ऑनलाइन शिलाजीत का चूर्ण व कैप्सूल उपलब्ध होते हैं। ऐसे में अगर शिलाजीत के चूर्ण का सेवन कर रहे हैं, तो चुटकीभर (मटर के दाने जितना) शिलाजीत को दूध या पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
- मधुमेह मरीज शिलाजीत पाउडर, त्रिफला चूर्ण व शहद मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
- शिलाजीत चूर्ण को मक्खन के साथ मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है।
- वहीं, अगर कोई शिलाजीत कैप्सूल लेना चाहता है तो बेहतर है इस बारे में पहले डॉक्टरी सलाह ली जाए।
- शिलाजीत की तरह ही शिलाजीत तेल के फायदे भी हैं। ऐसे में शिलाजीत तेल का उपयोग भी किया जा सकता है। इसका उपयोग बाहरी तौर पर मालिश के लिए किया जा सकता है।

शिलाजीत की खुराक : शिलाजीत खाने की मात्रा की बात की जाए तो यह व्यक्ति की उम्र व स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। हालांकि, शिलाजीत के पैकेट में इसके खुराक के बारे में जानकारी दी जाती है, तो उसी अनुसार इसका सेवन किया जा सकता है। हालांकि, अगर किसी को स्वास्थ्य से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या है या कोई किसी खास प्रकार की दवा का सेवन कर रहा है तो बेहतर है शिलाजीत के सेवन से पहले एक्सपर्ट या डॉक्टर की राय लें।
तो ये थी शिलाजीत के फायदे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां। उम्मीद है यहां दी गई जानकारियों से शिलाजीत से लाभ की बातों को लेकर आपको स्पष्टता हुई होगी। साथ ही यहां हमने शिलाजीत का उपयोग कैसे करें, इस बारे में भी बताया है, ताकि आपको शिलाजीत का प्रयोग करने में कोई उलझन न हो। अगर अभी भी मन में शिलाजीत के उपयोग को लेकर संशय है तो बेहतर है इस बारे में एक बार विशेषज्ञ की राय जरूर लें। ऐसे ही अन्य ज्ञानवर्धक आर्टिकल के लिए विजिट करते रहें हमारी साइट।
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